PM Modi मजबूत नेता, भारत बन रहा है वैश्विक महाशक्ति, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
PM Modi: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक मजबूत नेता बताया है और कहा है कि भारत-अमेरिका संबंध 21वीं सदी की “परिभाषित घटना” हो सकते हैं, क्योंकि भारत तेजी से एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है। बोल्टन 2018-19 के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका के NSA थे।
प्रधानमंत्री मोदी एक मजबूत नेता हैं
एक विशेष बातचीत में, बोल्टन ने कहा, “मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी एक मजबूत नेता हैं और इससे इस संभावना में वृद्धि होती है कि यदि हम जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका जैसे देशों के समूह क्वाड (QUAD) के माध्यम से साथ मिलकर काम करें, तो हम एक साथ बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।” बोल्टन का यह बयान उस समय आया है जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी भूमिका को लगातार सशक्त कर रहा है, विशेष रूप से क्वाड के माध्यम से।
क्वाड (QUAD) एक रणनीतिक समूह है जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इस समूह का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना है। बोल्टन का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की मजबूत नेतृत्व क्षमता भारत को इस दिशा में और अधिक प्रभावी बना सकती है, जिससे यह समूह आने वाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
अमेरिकी अरबपति सोरोस पर बोले बोल्टन
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के माध्यम से भारत-विरोधी माहौल पैदा करने वाले अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर बोल्टन ने कहा कि सोरोस अमेरिकी राजनीति के दृष्टिकोण से एक वामपंथी हैं और उनके पास काफी पैसा है। वे इसका उपयोग न केवल अमेरिकी राजनीति में, बल्कि दुनिया भर में भी करते हैं। बोल्टन ने यह भी कहा कि सोरोस की गतिविधियों को लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनमें से कुछ अधिक सटीक हो सकती हैं, जबकि कुछ भ्रामक भी हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “मैं सोरोस के वैश्विक दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूँ और मुझे चिंता है कि इसका अमेरिका पर क्या प्रभाव पड़ेगा। संभवतः कुछ लोग सोरोस की गतिविधियों को अमेरिकी आधिकारिक नीति के रूप में गलत व्याख्या कर रहे हैं, जो कि नहीं होना चाहिए।”
सोरोस ने हाल ही में भारत के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें अदानी समूह और भारतीय अर्थव्यवस्था पर तीखे सवाल उठाए गए थे। इसके बाद भारत के राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में सोरोस के हस्तक्षेप को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं। बोल्टन का यह बयान उस विवाद से जुड़े व्यापक संदर्भ में आता है, जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि सोरोस की गतिविधियों को आधिकारिक अमेरिकी नीति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
चीन बना रहा है शक्तिशाली गठजोड़
चीन के संदर्भ में बोल्टन ने कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध चीन की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापक साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं का प्रतिबिंब हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि चीन इस क्षेत्र में तेजी से एक शक्तिशाली गठजोड़ बना रहा है। बोल्टन ने कहा, “हम पूर्वी एशिया में ताइवान और सेनकाकु द्वीपों (दक्षिण चीन सागर में जापानी क्षेत्र) के खिलाफ दबाव देख रहे हैं। चीन की भूमि सीमा पर अंतिम बड़ा संघर्ष वियतनाम के साथ था, लेकिन भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई बार घुसपैठ और संघर्ष की घटनाएं हो चुकी हैं।”
चीन की बढ़ती आक्रामकता और उसके क्षेत्रीय विस्तार की नीति ने पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है। बोल्टन का मानना है कि चीन की ये गतिविधियां उसकी वैश्विक प्रभुत्व स्थापित करने की महत्वाकांक्षाओं का हिस्सा हैं, और यह भारत के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा है।
भारतीय सेना चीन को सबसे बड़ा खतरा मानती है
बोल्टन ने आगे कहा, “यदि मैं भारतीय सेना की धारणाओं को सही ढंग से समझ रहा हूँ, तो वे चीन को भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं और मुझे लगता है कि यह सही है।” भारतीय सेना लंबे समय से चीन की गतिविधियों पर नज़र रख रही है, विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर। 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
बोल्टन का यह बयान भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान की उस धारणा की पुष्टि करता है, जो चीन को भारत की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखती है। भारतीय सेना और सरकार दोनों ही चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक शक्ति को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीतियों को लगातार सशक्त कर रहे हैं।
भारत-अमेरिका संबंधों का महत्व
बोल्टन ने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका संबंध 21वीं सदी की “परिभाषित घटना” हो सकते हैं। उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग से वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है। भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, व्यापार और तकनीकी क्षेत्रों में लगातार बढ़ता सहयोग इस बात का संकेत है कि दोनों देश मिलकर भविष्य में बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को बोल्टन ने विशेष रूप से सराहा। उन्होंने कहा कि मोदी का नेतृत्व भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में उभारने में मदद कर रहा है, और यह संबंध आने वाले समय में और भी मजबूत हो सकता है।